You are here: Home » Chapter 4 » Verse 55 » Translation
Sura 4
Aya 55
55
فَمِنهُم مَن آمَنَ بِهِ وَمِنهُم مَن صَدَّ عَنهُ ۚ وَكَفىٰ بِجَهَنَّمَ سَعيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

फिर उनमें से कोई उसपर ईमान लाया और उसमें से किसी ने किनारा खीच लिया। और (ऐसे लोगों के लिए) जहन्नम की भड़कती आग ही काफ़ी है