5وَلا تُؤتُوا السُّفَهاءَ أَموالَكُمُ الَّتي جَعَلَ اللَّهُ لَكُم قِيامًا وَارزُقوهُم فيها وَاكسوهُم وَقولوا لَهُم قَولًا مَعروفًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अपने वह माल जिनपर ख़ुदा ने तुम्हारी गुज़र न क़रार दी है बेवकूफ़ों (ना समझ यतीम) को न दे बैठो हॉ उसमें से उन्हें खिलाओ और उनको पहनाओ (तो मज़ाएक़ा नहीं) और उनसे (शौक़ से) अच्छी तरह बात करो