حُرِّمَت عَلَيكُم أُمَّهاتُكُم وَبَناتُكُم وَأَخَواتُكُم وَعَمّاتُكُم وَخالاتُكُم وَبَناتُ الأَخِ وَبَناتُ الأُختِ وَأُمَّهاتُكُمُ اللّاتي أَرضَعنَكُم وَأَخَواتُكُم مِنَ الرَّضاعَةِ وَأُمَّهاتُ نِسائِكُم وَرَبائِبُكُمُ اللّاتي في حُجورِكُم مِن نِسائِكُمُ اللّاتي دَخَلتُم بِهِنَّ فَإِن لَم تَكونوا دَخَلتُم بِهِنَّ فَلا جُناحَ عَلَيكُم وَحَلائِلُ أَبنائِكُمُ الَّذينَ مِن أَصلابِكُم وَأَن تَجمَعوا بَينَ الأُختَينِ إِلّا ما قَد سَلَفَ ۗ إِنَّ اللَّهَ كانَ غَفورًا رَحيمًا
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
(मुसलमानों हसबे जेल) औरतें तुम पर हराम की गयी हैं तुम्हारी माएं (दादी नानी वगैरह सब) और तुम्हारी बेटियॉ (पोतियॉ) नवासियॉ (वगैरह) और तुम्हारी बहनें और तुम्हारी फुफियॉ और तुम्हारी ख़ालाएं और भतीजियॉ और भंजियॉ और तुम्हारी वह माएं जिन्होंने तुमको दूध पिलाया है और तुम्हारी रज़ाई (दूध शरीक) बहनें और तुम्हारी बीवीयों की माँए और वह (मादर ज़िलो) लड़कियां जो तुम्हारी गोद में परवरिश पा चुकी हो और उन औरतों (के पेट) से (पैदा हुई) हैं जिनसे तुम हमबिस्तरी कर चुके हो हाँ अगर तुमने उन बीवियों से (सिर्फ निकाह किया हो) हमबिस्तरी न की तो अलबत्ता उन मादरज़िलों (लड़कियों से) निकाह (करने में) तुम पर कुछ गुनाह नहीं है और तुम्हारे सुलबी लड़को (पोतों नवासों वगैरह) की बीवियॉ (बहुएं) और दो बहनों से एक साथ निकाह करना मगर जो हो चुका (वह माफ़ है) बेशक ख़ुदा बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है