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Sura 4
Aya 162
162
لٰكِنِ الرّاسِخونَ فِي العِلمِ مِنهُم وَالمُؤمِنونَ يُؤمِنونَ بِما أُنزِلَ إِلَيكَ وَما أُنزِلَ مِن قَبلِكَ ۚ وَالمُقيمينَ الصَّلاةَ ۚ وَالمُؤتونَ الزَّكاةَ وَالمُؤمِنونَ بِاللَّهِ وَاليَومِ الآخِرِ أُولٰئِكَ سَنُؤتيهِم أَجرًا عَظيمًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

परन्तु उनमें से जो लोग ज्ञान में पक्के है और ईमानवाले हैं, वे उस पर ईमान रखते है जो तुम्हारी ओर उतारा गया है और जो तुमसे पहले उतारा गया था, और जो विशेष रूप से नमाज़ क़ायम करते है, ज़कात देते और अल्लाह और अन्तिम दिन पर ईमान रखते है। यही लोग है जिन्हें हम शीघ्र ही बड़ी प्रतिदान प्रदान करेंगे