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Sura 4
Aya 157
157
وَقَولِهِم إِنّا قَتَلنَا المَسيحَ عيسَى ابنَ مَريَمَ رَسولَ اللَّهِ وَما قَتَلوهُ وَما صَلَبوهُ وَلٰكِن شُبِّهَ لَهُم ۚ وَإِنَّ الَّذينَ اختَلَفوا فيهِ لَفي شَكٍّ مِنهُ ۚ ما لَهُم بِهِ مِن عِلمٍ إِلَّا اتِّباعَ الظَّنِّ ۚ وَما قَتَلوهُ يَقينًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और उनके इस कथन के कारण कि हमने मरयम के बेटे ईसा मसीह, अल्लाह के रसूल, को क़त्ल कर डाला - हालाँकि न तो इन्होंने उसे क़त्ल किया और न उसे सूली पर चढाया, बल्कि मामला उनके लिए संदिग्ध हो गया। और जो लोग इसमें विभेद कर रहे है, निश्चय ही वे इस मामले में सन्देह में थे। अटकल पर चलने के अतिरिक्त उनके पास कोई ज्ञान न था। निश्चय ही उन्होंने उसे (ईसा को) क़त्ल नहीं किया,