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Sura 4
Aya 155
155
فَبِما نَقضِهِم ميثاقَهُم وَكُفرِهِم بِآياتِ اللَّهِ وَقَتلِهِمُ الأَنبِياءَ بِغَيرِ حَقٍّ وَقَولِهِم قُلوبُنا غُلفٌ ۚ بَل طَبَعَ اللَّهُ عَلَيها بِكُفرِهِم فَلا يُؤمِنونَ إِلّا قَليلًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

फिर उनके अपने एहद तोड़ डालने और एहकामे ख़ुदा से इन्कार करने और नाहक़ अम्बिया को क़त्ल करने और इतरा कर ये कहने की वजह से कि हमारे दिलों पर ग़िलाफ़ चढे हुए हैं (ये तो नहीं) बल्कि ख़ुदा ने उनके कुफ़्र की वजह से उनके दिलों पर मोहर कर दी है तो चन्द आदमियों के सिवा ये लोग ईमान नहीं लाते