150إِنَّ الَّذينَ يَكفُرونَ بِاللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيُريدونَ أَن يُفَرِّقوا بَينَ اللَّهِ وَرُسُلِهِ وَيَقولونَ نُؤمِنُ بِبَعضٍ وَنَكفُرُ بِبَعضٍ وَيُريدونَ أَن يَتَّخِذوا بَينَ ذٰلِكَ سَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों से इन्कार करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूलों में तफ़रक़ा डालना चाहते हैं और कहते हैं कि हम बाज़ (पैग़म्बरों) पर ईमान लाए हैं और बाज़ का इन्कार करते हैं और चाहते हैं कि इस (कुफ़्र व ईमान) के दरमियान एक दूसरी राह निकलें