148۞ لا يُحِبُّ اللَّهُ الجَهرَ بِالسّوءِ مِنَ القَولِ إِلّا مَن ظُلِمَ ۚ وَكانَ اللَّهُ سَميعًا عَليمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीख़ुदा (किसी को) हॉक पुकार कर बुरा कहने को पसन्द नहीं करता मगर मज़लूम (ज़ालिम की बुराई बयान कर सकता है) और ख़ुदा तो (सबकी) सुनता है (और हर एक को) जानता है