142إِنَّ المُنافِقينَ يُخادِعونَ اللَّهَ وَهُوَ خادِعُهُم وَإِذا قاموا إِلَى الصَّلاةِ قاموا كُسالىٰ يُراءونَ النّاسَ وَلا يَذكُرونَ اللَّهَ إِلّا قَليلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक मुनाफ़िक़ीन (अपने ख्याल में) ख़ुदा को फरेब देते हैं हालॉकि ख़ुदा ख़ुद उन्हें धोखा देता है और ये लोग जब नमाज़ पढ़ने खड़े होते हैं तो (बे दिल से) अलकसाए हुए खड़े होते हैं और सिर्फ लोगों को दिखाते हैं और दिल से तो ख़ुदा को कुछ यूं ही सा याद करते हैं