123لَيسَ بِأَمانِيِّكُم وَلا أَمانِيِّ أَهلِ الكِتابِ ۗ مَن يَعمَل سوءًا يُجزَ بِهِ وَلا يَجِد لَهُ مِن دونِ اللَّهِ وَلِيًّا وَلا نَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीन तुम लोगों की आरज़ू से (कुछ काम चल सकता है) न अहले किताब की तमन्ना से कुछ हासिल हो सकता है बल्कि (जैसा काम वैसा दाम) जो बुरा काम करेगा उसे उसका बदला दिया जाएगा और फिर ख़ुदा के सिवा किसी को न तो अपना सरपरस्त पाएगा और न मददगार