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Sura 4
Aya 119
119
وَلَأُضِلَّنَّهُم وَلَأُمَنِّيَنَّهُم وَلَآمُرَنَّهُم فَلَيُبَتِّكُنَّ آذانَ الأَنعامِ وَلَآمُرَنَّهُم فَلَيُغَيِّرُنَّ خَلقَ اللَّهِ ۚ وَمَن يَتَّخِذِ الشَّيطانَ وَلِيًّا مِن دونِ اللَّهِ فَقَد خَسِرَ خُسرانًا مُبينًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

"और उन्हें अवश्य ही भटकाऊँगा और उन्हें कामनाओं में उलझाऊँगा, और उन्हें हुक्म दूँगा तो वे चौपायों के कान फाड़ेगे, और उन्हें मैं सुझाव दूँगा तो वे अल्लाह की संरचना में परिवर्तन करेंगे।" और जिसने अल्लाह से हटकर शैतान को अपना संरक्षक और मित्र बनाया, वह खुले घाटे में पड़ गया