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Sura 4
Aya 108
108
يَستَخفونَ مِنَ النّاسِ وَلا يَستَخفونَ مِنَ اللَّهِ وَهُوَ مَعَهُم إِذ يُبَيِّتونَ ما لا يَرضىٰ مِنَ القَولِ ۚ وَكانَ اللَّهُ بِما يَعمَلونَ مُحيطًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे लोगों से तो छिपते है, परन्तु अल्लाह से नहीं छिपते। वह तो (उस समय भी) उनके साथ होता है, जब वे रातों में उस बात की गुप्त-मंत्रणा करते है जो उनकी इच्छा के विरुद्ध होती है। जो कुछ वे करते है, वह अल्लाह (के ज्ञान) से आच्छदित है