104وَلا تَهِنوا فِي ابتِغاءِ القَومِ ۖ إِن تَكونوا تَألَمونَ فَإِنَّهُم يَألَمونَ كَما تَألَمونَ ۖ وَتَرجونَ مِنَ اللَّهِ ما لا يَرجونَ ۗ وَكانَ اللَّهُ عَليمًا حَكيمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उन लोगों का पीछा करने में सुस्ती न दिखाओ। यदि तुम्हें दुख पहुँचता है; तो उन्हें भी दुख पहुँचता है, जिस तरह तुमको दुख पहुँचता है। और तुम अल्लाह से उस चीज़ की आशा करते हो, जिस चीज़ की वे आशा नहीं करते। अल्लाह तो सब कुछ जाननेवाला, तत्वदर्शी है