58أَو تَقولَ حينَ تَرَى العَذابَ لَو أَنَّ لي كَرَّةً فَأَكونَ مِنَ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीया जब अज़ाब को (आते) देखें तो कहने लगे कि काश मुझे (दुनिया में) फिर दोबारा जाना मिले तो मैं नेकी कारों में हो जाऊँ