78وَإِنَّ عَلَيكَ لَعنَتي إِلىٰ يَومِ الدّينِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर निश्चय ही बदला दिए जाने के दिन तक तुझपर मेरी लानत है।"