63أَتَّخَذناهُم سِخرِيًّا أَم زاغَت عَنهُمُ الأَبصارُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या हमने यूँ ही उनका मज़ाक बनाया था, यह उनसे निगाहें चूक गई हैं?"