59هٰذا فَوجٌ مُقتَحِمٌ مَعَكُم ۖ لا مَرحَبًا بِهِم ۚ إِنَّهُم صالُو النّارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये (तुम्हारी चेलों की) फौज भी तुम्हारे साथ ही ढूँसी जाएगी उनका भला न हो ये सब भी दोज़ख़ को जाने वाले हैं