55هٰذا ۚ وَإِنَّ لِلطّاغينَ لَشَرَّ مَآبٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये परहेज़गारों का (अन्जाम) है और सरकशों का तो यक़ीनी बुरा ठिकाना है