5أَجَعَلَ الآلِهَةَ إِلٰهًا واحِدًا ۖ إِنَّ هٰذا لَشَيءٌ عُجابٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या उसने सारे उपास्यों को अकेला एक उपास्य ठहरा दिया? निस्संदेह यह तो बहुत अचम्भेवाली चीज़ है!"