42اركُض بِرِجلِكَ ۖ هٰذا مُغتَسَلٌ بارِدٌ وَشَرابٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"अपना पाँव (धरती पर) मार, यह है ठंडा (पानी) नहाने को और पीने को।"