39هٰذا عَطاؤُنا فَامنُن أَو أَمسِك بِغَيرِ حِسابٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ सुलेमान ये हमारी बेहिसाब अता है पस (उसे लोगों को देकर) एहसान करो या (सब) अपने ही पास रखो