35قالَ رَبِّ اغفِر لي وَهَب لي مُلكًا لا يَنبَغي لِأَحَدٍ مِن بَعدي ۖ إِنَّكَ أَنتَ الوَهّابُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर (सुलेमान ने मेरी तरफ) रूजू की (और) कहा परवरदिगार मुझे बख्श दे और मुझे वह मुल्क अता फरमा जो मेरे बाद किसी के वास्ते शायाँह न हो इसमें तो शक नहीं कि तू बड़ा बख्शने वाला है