35قالَ رَبِّ اغفِر لي وَهَب لي مُلكًا لا يَنبَغي لِأَحَدٍ مِن بَعدي ۖ إِنَّكَ أَنتَ الوَهّابُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसने कहा, "ऐ मेरे रब! मुझे क्षमा कर दे और मुझे वह राज्य प्रदान कर, जो मेरे पश्चात किसी के लिए शोभनीय न हो। निश्चय ही तू बड़ा दाता है।"