27وَما خَلَقنَا السَّماءَ وَالأَرضَ وَما بَينَهُما باطِلًا ۚ ذٰلِكَ ظَنُّ الَّذينَ كَفَروا ۚ فَوَيلٌ لِلَّذينَ كَفَروا مِنَ النّارِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने आसमान और ज़मीन और जो चीज़ें उन दोनों के दरमियान हैं बेकार नहीं पैदा किया ये उन लोगों का ख्याल है जो काफ़िर हो बैठे तो जो लोग दोज़ख़ के मुनकिर हैं उन पर अफ़सोस है