19وَالطَّيرَ مَحشورَةً ۖ كُلٌّ لَهُ أَوّابٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर पक्षियों को भी, जो एकत्र हो जाते थे। प्रत्येक उसके आगे रुजू रहता