15وَما يَنظُرُ هٰؤُلاءِ إِلّا صَيحَةً واحِدَةً ما لَها مِن فَواقٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये (काफिर) लोग बस एक चिंघाड़ (सूर के मुन्तज़िर हैं जो फिर उन्हें) चश्में ज़दन की मोहलत न देगी