15وَما يَنظُرُ هٰؤُلاءِ إِلّا صَيحَةً واحِدَةً ما لَها مِن فَواقٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइन्हें बस एक चीख की प्रतीक्षा है जिसमें तनिक भी अवकाश न होगा