62أَذٰلِكَ خَيرٌ نُزُلًا أَم شَجَرَةُ الزَّقّومِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीभला मेहमानी के वास्ते ये (सामान) बेहतर है या थोहड़ का दरख्त (जो जहन्नुमियों के वास्ते होगा)