55فَاطَّلَعَ فَرَآهُ في سَواءِ الجَحيمِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या तुम लोग भी (मेरे साथ उसे झांक कर देखोगे) ग़रज़ झाँका तो उसे बीच जहन्नुम में (पड़ा हुआ) देखा