53أَإِذا مِتنا وَكُنّا تُرابًا وَعِظامًا أَإِنّا لَمَدينونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(भला जब हम मर जाएँगे) और (सड़ गल कर) मिट्टी और हव्ी (होकर) रह जाएँगे तो क्या हमको दोबारा ज़िन्दा करके हमारे (आमाल का) बदला दिया जाएगा