36وَيَقولونَ أَئِنّا لَتارِكو آلِهَتِنا لِشاعِرٍ مَجنونٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ये लोग कहते थे कि क्या एक पागल शायर के लिए हम अपने माबूदों को छोड़ बैठें (अरे कम्बख्तों ये शायर या पागल नहीं)