30وَما كانَ لَنا عَلَيكُم مِن سُلطانٍ ۖ بَل كُنتُم قَومًا طاغينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (साफ़ तो ये है कि) हमारी तुम पर कुछ हुकूमत तो थी नहीं बल्कि तुम खुद सरकश लोग थे