177فَإِذا نَزَلَ بِساحَتِهِم فَساءَ صَباحُ المُنذَرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीफिर जब (अज़ाब) उनकी अंगनाई में उतर पडेग़ा तो जो लोग डराए जा चुके हैं उनकी भी क्या बुरी सुबह होगी