107وَفَدَيناهُ بِذِبحٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने इस्माईल का फ़िदया एक ज़िबाहे अज़ीम (बड़ी कुर्बानी) क़रार दिया