100رَبِّ هَب لي مِنَ الصّالِحينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवह अनक़रीब ही मुझे रूबरा कर देगा (फिर ग़रज की) परवरदिगार मुझे एक नेको कार (फरज़न्द) इनायत फरमा