59وَامتازُوا اليَومَ أَيُّهَا المُجرِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (एक आवाज़ आएगी कि) ऐ गुनाहगारों तुम लोग (इनसे) अलग हो जाओ