51وَنُفِخَ فِي الصّورِ فَإِذا هُم مِنَ الأَجداثِ إِلىٰ رَبِّهِم يَنسِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर फिर (जब दोबारा) सूर फूँका जाएगा तो उसी दम ये सब लोग (अपनी-अपनी) क़ब्रों से (निकल-निकल के) अपने परवरदिगार की बारगाह की तरफ चल खड़े होगे