48وَيَقولونَ مَتىٰ هٰذَا الوَعدُ إِن كُنتُم صادِقينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर कहते हैं कि (भला) अगर तुम लोग (अपने दावे में सच्चे हो) तो आख़िर ये (क़यामत का) वायदा कब पूरा होगा