46وَما تَأتيهِم مِن آيَةٍ مِن آياتِ رَبِّهِم إِلّا كانوا عَنها مُعرِضينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(तो परवाह नहीं करते) और उनकी हालत ये है कि जब उनके परवरदिगार की निशानियों में से कोई निशानी उनके पास आयी तो ये लोग मुँह मोड़े बग़ैर कभी नहीं रहे