43وَإِن نَشَأ نُغرِقهُم فَلا صَريخَ لَهُم وَلا هُم يُنقَذونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि हम चाहें तो उन्हें डूबो दें। फिर न तो उनकी कोई चीख-पुकार हो और न उन्हें बचाया जा सके