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Sura 36
Aya 37
37
وَآيَةٌ لَهُمُ اللَّيلُ نَسلَخُ مِنهُ النَّهارَ فَإِذا هُم مُظلِمونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और एक निशानी उनके लिए रात है। हम उसपर से दिन को खींच लेते है। फिर क्या देखते है कि वे अँधेरे में रह गए