25إِنّي آمَنتُ بِرَبِّكُم فَاسمَعونِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमैं तो तुम्हारे परवरदिगार पर ईमान ला चुका हूँ मेरी बात सुनो और मानो; मगर उन लोगों ने उसे संगसार कर डाला