11إِنَّما تُنذِرُ مَنِ اتَّبَعَ الذِّكرَ وَخَشِيَ الرَّحمٰنَ بِالغَيبِ ۖ فَبَشِّرهُ بِمَغفِرَةٍ وَأَجرٍ كَريمٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम तो बस उसी शख्स को डरा सकते हो जो नसीहत माने और बेदेखे भाले खुदा का ख़ौफ़ रखे तो तुम उसको (गुनाहों की) माफी और एक बाइज्ज़त (व आबरू) अज्र की खुशख़बरी दे दो