10وَسَواءٌ عَلَيهِم أَأَنذَرتَهُم أَم لَم تُنذِرهُم لا يُؤمِنونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनके लिए बराबर है तुमने सचेत किया या उन्हें सचेत नहीं किया, वे ईमान नहीं लाएँगे