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Sura 35
Aya 37
37
وَهُم يَصطَرِخونَ فيها رَبَّنا أَخرِجنا نَعمَل صالِحًا غَيرَ الَّذي كُنّا نَعمَلُ ۚ أَوَلَم نُعَمِّركُم ما يَتَذَكَّرُ فيهِ مَن تَذَكَّرَ وَجاءَكُمُ النَّذيرُ ۖ فَذوقوا فَما لِلظّالِمينَ مِن نَصيرٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल दे तो जो कुछ हम करते थे उसे छोड़कर नेक काम करेंगे (तो ख़ुदा जवाब देगा कि) क्या हमने तुम्हें इतनी उम्रें न दी थी कि जिनमें जिसको जो कुछ सोंचना समझना (मंज़ूर) हो खूब सोच समझ ले और (उसके अलावा) तुम्हारे पास (हमारा) डराने वाला (पैग़म्बर) भी पहुँच गया था तो (अपने किए का मज़ा) चखो क्योंकि सरकश लोगों का कोई मद्दगार नहीं