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Sura 35
Aya 37
37
وَهُم يَصطَرِخونَ فيها رَبَّنا أَخرِجنا نَعمَل صالِحًا غَيرَ الَّذي كُنّا نَعمَلُ ۚ أَوَلَم نُعَمِّركُم ما يَتَذَكَّرُ فيهِ مَن تَذَكَّرَ وَجاءَكُمُ النَّذيرُ ۖ فَذوقوا فَما لِلظّالِمينَ مِن نَصيرٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे वहाँ चिल्लाएँगे कि "ऐ हमारे रब! हमें निकाल ले। हम अच्छा कर्म करेंगे, उससे भिन्न जो हम करते रहे।" "क्या हमने तुम्हें इतनी आयु नहीं दी कि जिसमें कोई होश में आना चाहता तो होश में आ जाता? और तुम्हारे पास सचेतकर्ता भी आया था, तो अब मज़ा चखते रहो! ज़ालिमोंं को कोई सहायक नहीं!"