33جَنّاتُ عَدنٍ يَدخُلونَها يُحَلَّونَ فيها مِن أَساوِرَ مِن ذَهَبٍ وَلُؤلُؤًا ۖ وَلِباسُهُم فيها حَريرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और उसका सिला बेहिश्त के) सदा बहार बाग़ात हैं जिनमें ये लोग दाख़िल होंगे और उन्हें वहाँ सोने के कंगन और मोती पहनाए जाएँगे और वहाँ उनकी (मामूली) पोशाक ख़ालिस रेशमी होगी