31وَالَّذي أَوحَينا إِلَيكَ مِنَ الكِتابِ هُوَ الحَقُّ مُصَدِّقًا لِما بَينَ يَدَيهِ ۗ إِنَّ اللَّهَ بِعِبادِهِ لَخَبيرٌ بَصيرٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने जो किताब तुम्हारे पास ''वही'' के ज़रिए से भेजी वह बिल्कुल ठीक है और जो (किताबें इससे पहले की) उसके सामने (मौजूद) हैं उनकी तसदीक़ भी करती हैं - बेशक खुदा अपने बन्दों (के हालात) से खूब वाक़िफ है (और) देख रहा है