29إِنَّ الَّذينَ يَتلونَ كِتابَ اللَّهِ وَأَقامُوا الصَّلاةَ وَأَنفَقوا مِمّا رَزَقناهُم سِرًّا وَعَلانِيَةً يَرجونَ تِجارَةً لَن تَبورَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक जो लोग Âुदा की किताब पढ़ा करते हैं और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ते हैं और जो कुछ हमने उन्हें अता किया है उसमें से छिपा के और दिखा के (खुदा की राह में) देते हैं वह यक़ीनन ऐसे व्यापार का आसरा रखते हैं