22وَما يَستَوِي الأَحياءُ وَلَا الأَمواتُ ۚ إِنَّ اللَّهَ يُسمِعُ مَن يَشاءُ ۖ وَما أَنتَ بِمُسمِعٍ مَن فِي القُبورِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर न जीवित और मृत बराबर है। निश्चय ही अल्लाह जिसे चाहता है सुनाता है। तुम उन लोगों को नहीं सुना सकते, जो क़ब्रों में हो।